DSB कैंपस: कब्डवाल-बिष्ट की तिकड़ी ने लिखी नई इबारत, आशीष निर्विरोध जीत की ओर

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के DSB कैंपस में इस बार की छात्र राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं आशीष कब्डवाल, जो निर्विरोध जीत की ओर बढ़ रहे हैं। यह जीत सिर्फ़ एक छात्र प्रतिनिधि की सफलता नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत, मार्गदर्शन और संगठनात्मक जड़ों का परिणाम है, जिसे दीपक सिंह बिष्ट और हिमांशु कब्डवाल जैसे मजबूत कंधों ने खड़ा किया।

👉 दीपक सिंह बिष्ट – छात्र राजनीति का वो नाम, जिसने खुद को सिर्फ़ एक नेता तक सीमित नहीं रखा बल्कि कई छात्र नेताओं को खड़ा करने का श्रेय लिया। हाल ही के मेयर चुनाव में भी उनकी रणनीतिक भूमिका ने उनकी पकड़ और सोच को साबित किया।

👉 हिमांशु कब्डवाल – हमेशा पर्दे के पीछे रहकर संगठन और मार्गदर्शन की भूमिका निभाने वाले चेहरे। छात्रों में उनकी छवि एक ऐसे व्यक्ति की है जो नेतृत्व गढ़ता है और हर कदम पर सही दिशा दिखाता है।

👉 आशीष कब्डवाल – किसान परिवार से निकलकर आज DSB कैंपस में सबसे बड़ी जीत की ओर बढ़ते हुए। उनके निर्विरोध चुने जाने ने यह साफ़ कर दिया है कि छात्र राजनीति में कब्डवाल-बिष्ट की तिकड़ी का असर अजेय है।

💡 कैंपस में अब चर्चा यह भी है कि आने वाले समय में आशीष महासंघ अध्यक्ष पद के सबसे मज़बूत दावेदार होंगे। ऐसे में यह निर्विरोध जीत एक Legacy Politics की नींव साबित हो सकती है।