उत्तराखंड : किशोरी ने 20 युवकों को बना दिया HIV का रोगी, इतने युवक आए थे नशेड़ी नाबालिग के संपर्क में…

रामनगर न्यूज़ :- नैनीताल जिले के रामनगर से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां HIV पॉजिटिव नाबालिग लड़की के संपर्क में आने से 20 युवक भी एचआईवी (HIV) पॉजिटिव हो गए। जिसके खुलासे के बाद युवक और उनकी पत्नियों के पैरों तले जमीन खिसक गई।

जानकारी के अनुसार रामनगर के गूलरघट्टी इलाके के रहने वाले इन युवकों ने शरीर में कमजोरी आने पर अस्पताल में जांच कराई तो युवकों के होश उड़ गए। जांच में सभी HIV पॉजिटिव पाए गए।

जिसके बाद काउंसलर की पूछताछ से खुलासा हुआ कि गूलरघट्टी इलाके में एक गरीब मुस्लिम परिवार की 17 वर्षीय किशोरी को स्मैक की लत लग गई थी। नशे की लत के लिए जब किशोरी को रुपयों की जरूरत पड़ी तो उसने युवकों को लालच देकर अपने पास बुला लिया करती। रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में इलाज कराने पहुंचे लोगों से काउंसलर मनीषा खुल्बे की पूछताछ में नए खुलासे हुए। पता चला कि जो युवक शादीशुदा हैं, उनकी पत्नियां भी बाद में उनसे HIV पॉजिटिव हो गईं है। आंकड़ों में शामिल 15 महिलाओं भी शामिल हैं। काउंसलर की पूछताछ में एक ही किशोरी का नाम सामने आने पर पता चला कि HIV बांटने वाली एक ही किशोरी है।

जानकारी देते हुए CMO नैनीताल डॉ. हरीश पंत ने बताया की जिले में सेमिनार और जागरूकता शिविर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एचआईवी पॉजिटिव को निःशुल्क दवा दी जाती है। उनका नाम और पता भी गोपनीय रखा जाता है। इस वक्त नैनीताल जिले में 1102 ऐसे मरीज है।

ऐसे हुए संक्रमित

काउंसलर की पूछताछ से खुलासा हुआ कि गूलरघट्टी इलाके में एक गरीब मुस्लिम परिवार की 17 वर्षीय किशोरी को स्मैक की लत लग गई थी। नशे की पूर्ति के लिए जब-जब किशोरी को रुपयों की जरूरत पड़ी तो उसने युवकों को लालच देकर अपने पास बुला लिया। काफी समय तक युवकों को इसका पता नहीं चला। किशोरी की कमजोरी का फायदा उठाकर वे उसके पास पहुंचकर शारीरिक संबंध बनाते रहे। कभी एक-दूसरे से भी इनकी अपनी तबीयत के बारे में बात नहीं हुई। वह तो काउंसलर की पूछताछ में एक ही किशोरी का नाम सामने आने पर पता चला कि एचआईवी बांटने वाली एक ही किशोरी है।

क्या होता है एड्स ?

ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) वह वायरस है जो एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का कारण बनता है। एचआईवी पॉजिटिव का मतलब एचआईवी वायरस से संक्रमित होना है. हालांकि इसकी चपेट में आने का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति को एड्स है। इसका समय रहते इलाज किया जा सकता है। आईसीटीसी से ही दवा मिलती है। एचआईवी तब एड्स बनता है जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली में श्वेत रक्त कोशिकाएं बहुत कम हो जाती हैं।