छात्र राजनीति में नई ऊर्जा का नाम – आशीष कब्डवाल”

उत्तराखंड की राजनीति हमेशा से छात्र नेताओं की देन रही है। आज उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं आशीष कब्डवाल। जब उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दे रहे थे, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक दिन उनकी तीसरी पीढ़ी शिक्षा के मंदिर में छात्रों की आज़ादी और अधिकार की लड़ाई लड़ेगी।

चुनाव हो या आंदोलन, आशीष हमेशा ग्राउंड पर खड़े दिखाई देते हैं। साथी छात्र उन्हें सिर्फ नेता नहीं, बल्कि एक दोस्त और सहारा मानते हैं। “DSB कैंपस की राजनीति में क्यों बढ़ रहा है आशीष का कद ?”

विश्लेषकों का मानना है कि आशीष कब्डवाल का कद केवल छात्रसंघ चुनाव तक सीमित नहीं रहेगा। जिस तरह वे युवाओं को संगठित कर रहे हैं, मुद्दों को उठाने की कला रखते हैं और अपने विज़न को स्पष्ट शब्दों में रखते हैं, उससे साफ है कि यह नाम आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की मुख्यधारा राजनीति तक जाएगा।