अल्मोड़ा : बेटी के कन्यादान का सपना अधूरा रह गया

बिनसर वनाग्नि में झुलसे कुंदन की मौत के बाद बेसहारा हुआ परिवार, दो बेटों के बाद बेटी को लिया था गोद

  • पीआरडी जवान कुंदन को वन विभाग से किया था अटैच
  • पत्नी हुई बेसुध, बेटी के नहीं रुक रहे आंसू, बेटे गुमसुम

अल्मोड़ा न्यूज़ :- दस साल पहले कुंदन ने अपने बड़े भाई से प्रीति को इस अरमान के साथ गोद लिया था कि उसे भी कन्यादान का पुण्य प्राप्त होगा। लेकिन बिनसर वनाग्नि ने कुंदन से कन्यादान का अरमान और प्रीति से पिता का दुलार छीन लिया। वहीं, पत्नी और दो बेटे भी बेसहारा हो गए।

धौलछीना के खाकरी निवासी कुंदन नेगी पीआरडी जवान थे। फॉयर सीजन में उन्हें वन विभाग में अटैच किया गया था। बीते चार माह से वह अन्य वन कर्मियों के साथ वनाग्नि को शांत करने में सहयोग कर रहे थे। 13 जून को भी वह सात वनकर्मियों के साथ बिनसर अभयारण्य में जंगल की आग बुझाने के लिए गए हुए थे। वनाग्नि ने उनके साथ अन्य साथियों को अपनी चपेट में ले लिया। मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा से उन्हें एसटीएच हल्द्वानी से दिल्ली एम्स रेफर किया गया। एम्स पहुंचने के बाद परिजनों को उम्मीद थी कि कुंदन सही होकर जल्द वापस लौटेंगे। बीते 17 दिन से सुबह शाम परिजन कुंदन के भाई को फोन कर हालचाल जानते रहे। उन्हें बताया जाता रहा कि स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, लेकिन रविवार तड़के उनकी मौत हो गई। अब परिजनों को मौत की खबर कौन सुनाए, यह बड़ा सवाल बन गया था। हिम्मत कर परिजनों ने दिल दहला देने वाली खबर गंगा को सुनाई। खबर सुनते ही पत्नी गंगा बेसुध हो गई। 13 साल की हो चुकी बेटी प्रीति बार-बार पिता को याद कर फफक कर रोती रही। वहीं, 15 साल का सुमित और 13 साल का प्रियांशु असहाय होकर पूरा मंजर देखते रहे।

दिल्ली में नौकरी छोड़ ज्वाइन की थी पीआरडी

कुंदन दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। कोरोना काल में उन्हें काम छोड़कर घर आना पड़ा। 2021 में वह पीआरडी में भर्ती हो गए। वह बच्चों के साथ रहकर नौकरी करने लगे। लेकिन यह फॉयर सीजन कुंदन के परिवार के लिए आपदा बनकर आया। कुंदन की मौत से पूरा परिवार बिखर गया।